गणेश जी को एकदंत क्यों कहा जाता है? क्या है इसका कारण जानें यहां…
गणेश जी को एकदंत क्यों कहा जाता है ?? 👉👉भगवान श्री गणेश जी को एकदंत ,लंबोदर व अन्य कई नामों से जाना जाता है, आज हम सब इस लेख में जानेंगे कि भगवान श्री गणेश को एकदंत क्यों कहा जाता है,आइये जानते हैं उनका यह नाम क्यों पड़ा,और क्या है इसके पीछे की कहानी…

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भगवान परशुराम का कैलाश आगमन-
एकदंत नाम गजानन को भगवान परशुराम जी के कारण मिला,एक बार भगवान परशुराम अपने इष्ट देव महादेव जी से मिलने कैलाश आ पहुंचे,उस समय भोलेनाथ योगमुद्रा में लीन थे, भगवान परशुराम भोलेनाथ से मिलने की जिद कर बैठे,बोले मैं उनसे मिले बिना यहां से नही जाऊंगा।
फिर भी गणेश जी उन्हें विनम्रता से मना करते रहे ,क्रोधी स्वभाव परशुराम जी का धैर्य अब टूट चुका था,उन्होंने भगवान गणेश को युद्ध के लिए ललकारा…
परशुराम-गणेश युद्ध-
दोनो के मध्य भीषण युद्ध हुआ,परशुराम जी का हर प्रहार गणेश जी के सामने निष्फल था,अंत में परशुराम जी को जब कोई रास्ता न दिखा,तो उन्होंने भोलेनाथ से प्राप्त परसु से ही भगवान गणेश पर वार कर दिया,
गणेश जी ने पिता के वरदान परशु को बहुत ही आदर से स्वीकार कर लिया,तथा परशु के तेज से भगवान श्री गणेश का एक दांत टूट गया,और वह पीड़ा से कराह उठे…

माता पार्वती का क्रोध-
यह सुन माता पार्वती आयी,और यह सब देख के परशुराम पर क्रोधित होकर दुर्गा स्वरूप में आ गईं, यह सब देख परशुराम जीने माता पार्वती से क्षमा याचना की, और एकदंत की विनम्रता की सराहना करने लगे,और ज्ञान आशीर्वाद स्वरूप प्रदान किया।
भगवान परशुराम का आशीर्वाद-
इस प्रकार गणेश जी की शिक्षा भगवान परशुराम जी के आशीर्वाद से हो गयी,बाद में इसी टूटे हुए दांत से भगवान गणेश जी ने महाभारत कथा का लेखन कार्य किया।
उपसंहार-
उपरोक्त लेख में हम सब ने पढ़ा कि कैसे भगवान गणेश का नाम एकदंत पड़ा।
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